Free Electricity: हिमाचल प्रदेश की जनता के लिए राहत भरी खबर सामने आई है। राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि घरेलू उपभोक्ताओं को हर महीने 125 यूनिट तक बिजली मुफ्त मिलती रहेगी। सरकार की ओर से यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब बिजली सब्सिडी को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं। अब सरकार ने नई बिजली दरों को लेकर स्थिति स्पष्ट कर दी है।
22 लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं को फायदा
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश के करीब 22 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ता इस योजना का लाभ लेते हैं। बिजली सब्सिडी की मौजूदा व्यवस्था पहले की तरह लागू रहेगी। हालांकि, हिमाचल प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने हाल ही में बिजली दरों में 15 पैसे प्रति यूनिट की कटौती की थी, जिसके चलते सब्सिडी की राशि में भी उसी अनुपात में मामूली कमी की गई है। बावजूद इसके, सरकार ने तय किया है कि वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जो दरें पहले से तय थीं, वे ही इस वर्ष भी लागू रहेंगी।
300 यूनिट से अधिक खपत करने वालों को झटका
हालांकि, अधिक बिजली खपत करने वाले उपभोक्ताओं को इस बार राहत नहीं मिलेगी। जो लोग हर महीने 300 यूनिट से अधिक बिजली का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें अब सब्सिडी नहीं मिलेगी। सरकार ने इस श्रेणी के उपभोक्ताओं को मिलने वाली ₹1 प्रति यूनिट की छूट खत्म कर दी है। इसका मतलब यह हुआ कि अब इन उपभोक्ताओं को बिजली के लिए 5 रुपए 90 पैसे प्रति यूनिट की पूरी कीमत अदा करनी होगी।
अप्रैल से लागू होंगी नई दरें
ऊर्जा विभाग के सचिव राकेश कंवर ने इस संबंध में राज्य बिजली बोर्ड के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार को निर्देश जारी कर दिए हैं। आदेश में कहा गया है कि अप्रैल महीने की बिजली खपत के लिए उपभोक्ताओं को जो बिल मई में भेजे जाएंगे, वे इन्हीं नई दरों के आधार पर तैयार किए जाएं।
कारोबार और उद्योगों को भी राहत
घरेलू उपभोक्ताओं के अलावा राज्य सरकार ने व्यावसायिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं को भी कुछ हद तक राहत दी है। अब व्यापारिक उपयोगकर्ताओं के लिए बिजली की दरों में 12 पैसे प्रति यूनिट की कटौती की गई है, जबकि औद्योगिक इकाइयों के लिए यह कटौती 20 पैसे प्रति यूनिट तक की गई है। हालांकि, फिक्स्ड डिमांड चार्ज यानी स्थायी मांग शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
सरकार की प्राथमिकता – आम आदमी को राहत
राज्य सरकार का कहना है कि उसका उद्देश्य आम जनता पर अतिरिक्त बोझ न पड़ने देना है। यही वजह है कि बिजली दरों में बदलाव करते हुए सब्सिडी संरचना को काफी संतुलित रखा गया है। खासकर गरीब और मध्यम वर्ग के उपभोक्ताओं को राहत देने की कोशिश की गई है।
क्या कहते हैं जानकार?
ऊर्जा मामलों के जानकारों का मानना है कि बिजली सब्सिडी को जारी रखना सरकार के लिए वित्तीय रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन जनता को राहत देना भी जरूरी है। विशेषज्ञों का कहना है कि 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली से ग्रामीण क्षेत्रों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को सीधा लाभ मिलेगा।