Milk Price Hike: देशभर में दूध की कीमतें एक बार फिर बढ़ गई हैं। पहले अमूल और मदर डेयरी ने दाम बढ़ाए और अब उत्तर प्रदेश की प्रमुख डेयरी कंपनी पराग (Lucknow Dugdh Sangh) ने भी अपने दूध के रेट में इजाफा कर दिया है। ये नई कीमतें 4 मई 2025, शनिवार से लागू हो चुकी हैं।अगर दाम ऐसे ही बढ़ते रहे तो आने वाले दिनों में दूध खरीदना आम आदमी की पहुंच से बाहर हो सकता है।
बढ़ती लागत बनी वजह
लखनऊ दुग्ध संघ के महाप्रबंधक विकास बालियान ने बताया कि दूध के उत्पादन से लेकर उसे एकत्र करने और ग्राहकों तक पहुंचाने की लागत में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसी कारण कंपनी ने दूध के दाम बढ़ाने का निर्णय लिया। उनका कहना है कि यह कदम जरूरी हो गया था क्योंकि बिना कीमत बढ़ाए लागत को कवर करना संभव नहीं था।
किस-किस दूध के रेट में हुआ बदलाव?
- नई कीमतों के अनुसार अब फुल क्रीम दूध का एक लीटर पैक ₹68 से बढ़कर ₹69 हो गया है, जबकि आधा लीटर पैक अब ₹35 का मिलेगा, जो पहले ₹34 का था।
- टोंड दूध की एक लीटर कीमत ₹56 से बढ़कर ₹57 हो गई है और आधा लीटर अब ₹29 में मिलेगा, पहले यह ₹28 में आता था।
- स्टैंडर्ड दूध के आधा लीटर पैक की कीमत अब ₹32 हो गई है, जबकि पहले यह ₹31 में मिलता था।
- इसके अलावा थोक खरीदने वाले ग्राहकों को मिलने वाला 5 लीटर पैक अब ₹290 में मिलेगा, जो पहले ₹280 का था। इससे खासकर बड़े कैटरिंग, होटल और चाय व्यापारियों पर असर पड़ेगा।
पहले अमूल और मदर डेयरी ने बढ़ाए थे दाम
गौरतलब है कि पराग से पहले देश की दो बड़ी डेयरी कंपनियां — अमूल और मदर डेयरी — भी दूध की कीमतों में ₹2 प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर चुकी हैं। यह बदलाव खासकर उत्तर भारत में देखने को मिला है, जहां दूध की मांग सबसे अधिक रहती है।
विशेष रूप से दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों में उपभोक्ताओं की बड़ी संख्या को इसका सीधा प्रभाव झेलना पड़ रहा है।
अब दही, पनीर और घी भी होंगे महंगे?
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि दूध के दाम बढ़ने के बाद अब इससे जुड़े अन्य उत्पादों की कीमतें भी जल्द ही बढ़ सकती हैं। दही, पनीर, मक्खन और घी जैसे उत्पादों की लागत भी दूध पर निर्भर करती है। ऐसे में इनकी कीमतों में बढ़ोतरी लगभग तय मानी जा रही है। इससे रसोई का बजट और ज्यादा बिगड़ सकता है और आम आदमी की परेशानी बढ़ सकती है।
महंगाई की मार से परेशान उपभोक्ता
दूध हर घर की जरूरत है और इसका रोजमर्रा की जिंदगी में विशेष स्थान है। ऐसे में बार-बार कीमत बढ़ने से मध्यम वर्ग और निम्न आय वर्ग के परिवारों पर सीधा आर्थिक असर पड़ता है।
पहले से ही महंगाई की मार झेल रही जनता के लिए यह एक और झटका साबित हो सकता है। कई लोग सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे को लेकर चिंता जता रहे हैं।
सरकार की चुप्पी पर सवाल
अब सवाल यह उठ रहा है कि सरकार इस बढ़ती कीमतों के सिलसिले को रोकने के लिए क्या कदम उठाएगी? लगातार बढ़ रही आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर नियंत्रण न होने से आम आदमी की स्थिति और अधिक गंभीर होती जा रही है। दूध जैसी बुनियादी चीज की कीमतों में बार-बार बढ़ोतरी अब आम लोगों के लिए सिरदर्द बनती जा रही है।