Banking News: बैंक कर्मचारियों और ग्राहकों दोनों के लिए एक बड़ी खबर सामने आ रही है। जल्द ही देशभर में हफ्ते में सिर्फ पांच दिन बैंक खुलने का नया नियम लागू हो सकता है। इस बदलाव के बाद बैंक शनिवार और रविवार को पूरी तरह बंद रहेंगे, जिससे कर्मचारियों को हर हफ्ते दो दिन की छुट्टी मिलेगी। यह प्रस्ताव काफी समय से लंबित था और अब इसे सरकार की अंतिम मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
ग्राहकों को सेवा के लिए बनानी होगी बेहतर योजना
अगर यह नियम लागू होता है तो इसका सीधा असर आम लोगों पर भी पड़ेगा। सप्ताह में सिर्फ पांच दिन बैंक खुलने का मतलब है कि ग्राहकों को अपने बैंकिंग कार्य पहले से ज्यादा योजना बनाकर करने होंगे। हालांकि, बैंक अधिकारियों का मानना है कि इससे बैंकिंग सेवा की गुणवत्ता और ग्राहक अनुभव दोनों में सुधार होगा।
IBA और बैंक यूनियनों में हो चुका है समझौता
इस प्रस्ताव को लेकर भारतीय बैंक संघ (IBA) और बैंक यूनियनों के बीच पहले ही सहमति बन चुकी है। दोनों पक्ष इस बदलाव के पक्ष में हैं और इसे कर्मचारियों के हित में एक बड़ा कदम मानते हैं। पिछले एक साल से यह मुद्दा चर्चा में है, लेकिन अब बस सरकार की औपचारिक मंजूरी का इंतजार है।
सभी सरकारी और प्राइवेट बैंक आएंगे दायरे में
यह नियम सिर्फ सरकारी बैंकों तक सीमित नहीं रहेगा। निजी बैंक भी इसके दायरे में आएंगे। यानी अगर आप किसी भी बैंक के ग्राहक हैं, तो यह बदलाव आपको प्रभावित करेगा। इस प्रणाली को लागू कराने की जिम्मेदारी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को सौंपी जाएगी।
बैंकिंग सिस्टम में होंगे बड़े बदलाव
5-दिन बैंकिंग वीक लागू होने से बैंकिंग शेड्यूल और कामकाज के तरीके में बदलाव होंगे। कर्मचारियों को दो दिन की छुट्टी मिलने से उनकी कार्यक्षमता और उत्पादकता में बढ़ोतरी की उम्मीद है। साथ ही, ग्राहक सेवा में भी ज्यादा दक्षता देखने को मिल सकती है।
बदल जाएगा बैंक का समय
इस बदलाव के तहत बैंकिंग समय में भी परिवर्तन किया जाएगा। अभी तक बैंक सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक खुलते हैं, लेकिन नए नियम के अनुसार बैंक सुबह 9:45 से शाम 5:30 बजे तक खुले रहेंगे। यानी कर्मचारियों को हर दिन करीब 45 मिनट ज्यादा काम करना होगा ताकि दो दिन की छुट्टी की भरपाई की जा सके।
कब से लागू हो सकता है नया नियम?
जानकारों की मानें तो यह नया नियम 2025 के अंत तक लागू किया जा सकता है। हालांकि, इसकी कोई आधिकारिक तारीख अभी घोषित नहीं हुई है। गौरतलब है कि इससे पहले 2015 में सरकार ने दूसरे और चौथे शनिवार को बैंक अवकाश का नियम लागू किया था, जो अभी भी प्रभावी है।
लंबे समय से उठ रही थी मांग
बैंक यूनियनें 2010 से ही सप्ताह में दो दिन अवकाश की मांग कर रही थीं। कर्मचारियों की वर्क-लाइफ बैलेंस और मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए यह मांग की जा रही थी। अब यह प्रस्ताव अंतिम चरण में पहुंच चुका है और बहुत जल्द सरकार की मुहर लगने की उम्मीद है। अगर सरकार इस प्रस्ताव को मंजूरी देती है, तो यह बैंकिंग इंडस्ट्री में एक बड़ा और सकारात्मक बदलाव होगा।