School Holiday: कश्मीर में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी ने बच्चों की पढ़ाई पर भी ब्रेक लगा दिया है। बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए सरकार ने सभी सरकारी और निजी मान्यता प्राप्त स्कूलों में 1 जुलाई से 7 जुलाई तक छुट्टी रखने का ऐलान किया है। स्कूल शिक्षा निदेशालय ने आदेश जारी करते हुए बताया हैं कि 7 जुलाई तक घाटी के सभी स्कूल बंद रहेंगे, ताकि बच्चों को तेज धूप और भीषण लू से बचाया जा सके।
1 जुलाई को सभी स्कूलों में छुट्टी घोषित
रिकॉर्ड तोड़ गर्मी और लगातार बढ़ते तापमान को देखते हुए प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। छात्रों की सेहत को प्राथमिकता देते हुए 1 जुलाई को सभी सरकारी और निजी स्कूलों में छुट्टी रखने का आदेश दिया हैं। शिक्षा विभाग के मुताबिक, यह कदम बच्चों को लू और तेज धूप के खतरे से बचाने के लिए जरूरी था, ताकि वे सुरक्षित माहौल में ही पढ़ाई जारी रख सकें।
कब तक चलेगा अवकाश?
आदेश के मुताबिक, यह छुट्टी 23 जून से लेकर 7 जुलाई तक प्रभावी रहेगी। यानी बच्चों के स्कूल अब 8 जुलाई को दोबारा खुल सकते हैं, हालांकि तब भी मौसम की स्थिति के आधार पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूलों के प्रधानाचार्यों को निर्देश दिया है कि अवकाश के दौरान किसी भी तरह की शैक्षणिक गतिविधि स्कूल परिसर में न कराई जाए, ताकि बच्चों और स्टाफ — दोनों की सेहत का ध्यान रखा जा सके।
बच्चों में खुशी का माहौल
जैसे ही यह आदेश आया, बच्चों में भी खुशी की लहर दौड़ गई। कई बच्चे छुट्टियों में अपने दादा-दादी या रिश्तेदारों के यहां जाने की योजना बना रहे हैं, तो कुछ ने अपने पसंदीदा खेल और हॉबी क्लासेज में शामिल होने का मन बना लिया है। छात्रों ने कहा कि पढ़ाई का दबाव लगातार बना रहता है, लेकिन अब यह छोटा सा ब्रेक उन्हें फिर से एनर्जी के साथ स्कूल लौटने में मदद करेगा।
अभिभावकों की प्रतिक्रिया
अभिभावकों में भी इस आदेश को लेकर सकारात्मक रुख देखने को मिला है। श्रीनगर की एक स्थानीय अभिभावक ने कहा, “इतनी गर्मी में बच्चों का स्कूल जाना मुश्किल हो जाता है। छुट्टी मिलने से हम भी निश्चिंत हो गए हैं कि उनका स्वास्थ्य सुरक्षित रहेगा।” कई पैरेंट्स ने कहा कि इससे उन्हें भी थोड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि बच्चों को लाने-ले जाने और गर्मी में उनका ध्यान रखने की जिम्मेदारी आसान नहीं होती।
दो दशकों का सबसे गर्म जून, 35.5 डिग्री पहुंचा पारा
इस साल कश्मीर में गर्मी ने पुराने सभी रिकार्ड तोड़ दिए हैं। शुक्रवार को श्रीनगर में अधिकतम तापमान 35.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 6.3 डिग्री अधिक था। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले 20 वर्षों में जून का महीना इतना गर्म कभी नहीं रहा। आमतौर पर ठंडे मौसम के लिए प्रसिद्ध श्रीनगर में इस स्तर की गर्मी जलवायु परिवर्तन की गंभीर चेतावनी मानी जा रही है।
क्यों लिया गया छुट्टियों का फैसला?
प्रशासन ने बच्चों की सेहत और उनकी सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए छुट्टियों की मियाद बढ़ाने का फैसला किया। अधिकारी मानते हैं कि तेज गर्मी में स्कूल जाना बच्चों के लिए खतरे से खाली नहीं है। गर्मी से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी बना रहता है, इसलिए समय रहते यह निर्णय लिया गया ताकि किसी तरह की अप्रिय घटना न हो।
भविष्य में और बढ़ सकती हैं छुट्टियां?
फिलहाल 7 जुलाई तक छुट्टियों की घोषणा की गई है, लेकिन मौजूदा हालात देखते हुए संभावना जताई जा रही है कि अगले वर्षों में गर्मी की छुट्टियों की समय-सीमा और बढ़ानी पड़ सकती है। लगातार बढ़ते तापमान के चलते शिक्षा विभाग को नई रणनीति और शैक्षणिक कैलेंडर तैयार करने की जरूरत पड़ सकती है ताकि बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ उनकी सुरक्षा को भी प्राथमिकता दी जा सके।
लोग भी परेशान, राहत की मांग
लगातार बढ़ते तापमान और उमस भरी गर्मी से आम लोग भी बेहाल हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि पंखे और कूलर जैसी चीजें भी गर्म हवा फेंक रही हैं और बिजली कटौती ने मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। बच्चों और बुजुर्गों को लेकर लोग खासे चिंतित हैं, इसलिए स्कूलों की छुट्टी की डिमांड कर रहे थे।

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