School Holidays: उत्तराखंड के हरिद्वार जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है, जो छात्रों और अभिभावकों के लिए जानना बेहद जरूरी है। आगामी श्रावण कांवड़ यात्रा 2025 के मद्देनज़र जिले के सभी शिक्षण संस्थान 14 जुलाई से 23 जुलाई 2025 तक 10 दिनों के लिए बंद रहेंगे। यह फैसला हरिद्वार के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने सार्वजनिक सुरक्षा और छात्रों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लिया है।
भीड़भाड़ और ट्रैफिक को देखते हुए लिया गया निर्णय
हर वर्ष श्रावण मास में आयोजित होने वाली कांवड़ यात्रा के दौरान लाखों शिव भक्त हरिद्वार पहुंचते हैं, जिससे जिले में भारी भीड़ उमड़ती है। इस बार यात्रा 11 जुलाई 2025 से शुरू हो रही है, और अनुमान है कि 5 करोड़ से अधिक कांवड़िये हरिद्वार आएंगे। इस स्थिति में सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव बढ़ जाता है, जिससे छात्रों के लिए स्कूल-कॉलेज तक पहुंचना मुश्किल और असुरक्षित हो सकता है।
किन संस्थानों पर लागू होगा यह आदेश?
हरिद्वार जिला प्रशासन द्वारा जारी आदेश के तहत यह फैसला जिले के सभी शैक्षणिक संस्थानों पर लागू होगा। इसमें न सिर्फ कक्षा 12वीं तक के सरकारी और निजी स्कूल शामिल हैं, बल्कि सभी डिग्री कॉलेज, विश्वविद्यालय, तकनीकी और व्यावसायिक संस्थान के साथ-साथ आंगनबाड़ी केंद्र भी पूरी तरह 14 से 23 जुलाई तक बंद रहेंगे।
कांवड़ मेले के चलते लिया गया फैसला
हर वर्ष श्रावण माह में आयोजित होने वाली कांवड़ यात्रा के दौरान लाखों शिव भक्त हरिद्वार पहुंचते हैं। इस दौरान सड़कों पर भारी भीड़ देखने को मिलती है। कांवड़ियों की लगातार बढ़ती संख्या और उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई मार्ग बंद या डायवर्ट किए जाते हैं। डीएम के अनुसार, छात्रों को स्कूल आने-जाने में असुविधा न हो और किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके, इसलिए सभी शिक्षण संस्थानों में छुट्टी की घोषणा की गई है।
ऑनलाइन कक्षाएं जारी रहेंगी
हालांकि स्कूल और कॉलेज इस अवधि में पूरी तरह से बंद रहेंगे, लेकिन पढ़ाई पूरी तरह रुकेगी नहीं। जिला प्रशासन ने सभी संस्थानों को निर्देशित किया है कि वे ऑनलाइन माध्यम से शैक्षणिक गतिविधियां जारी रखें। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के जरिए छात्रों को पढ़ाई करवाने के लिए कहा गया है ताकि उनके शैक्षणिक कार्यक्रम में कोई बाधा न आए और सिलेबस समय पर पूरा हो सके।
कांवड़ यात्रा 2025 की शुरुआत 11 जुलाई से
इस वर्ष श्रावण कांवड़ यात्रा की शुरुआत 11 जुलाई 2025 से होने जा रही है। उत्तर भारत के कोने-कोने से श्रद्धालु गंगाजल लेने हरिद्वार पहुंचेंगे और फिर पैदल या अन्य साधनों से अपने गंतव्य की ओर प्रस्थान करेंगे। इस बार करीब पांच करोड़ शिव भक्तों के हरिद्वार पहुंचने की संभावना जताई जा रही है, जिससे शहर में काफी भीड़ होने की आशंका है।
ट्रैफिक डायवर्जन और सुरक्षा की पूरी तैयारी
हरिद्वार जिला प्रशासन ने कांवड़ यात्रा को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। यात्रा के दौरान ट्रैफिक को संभालने के लिए रूट डायवर्जन प्लान पहले से तैयार किया गया है। साथ ही, पुलिस, होम गार्ड्स और अन्य सुरक्षा बलों की तैनाती की जा रही है ताकि श्रद्धालुओं के साथ-साथ स्थानीय नागरिकों को भी किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
जनहित में लिया गया है यह निर्णय
डीएम मयूर दीक्षित ने स्पष्ट किया है कि यह निर्णय जनहित और छात्र-छात्राओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार में अत्यधिक भीड़ होती है, जिससे स्कूली बच्चों की आवाजाही में कठिनाई आती है और दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में शिक्षण संस्थानों को कुछ दिनों के लिए बंद रखना एक सावधानीपूर्ण और आवश्यक कदम माना जा रहा है।
हरिद्वार प्रशासन सतर्क और पूरी तरह तैयार
प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया है कि इस वर्ष की कांवड़ यात्रा को सुरक्षित, सुव्यवस्थित और शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए सभी विभाग मिलकर काम कर रहे हैं। सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के साथ-साथ मेडिकल इमरजेंसी, साफ-सफाई और यात्री सुविधाओं का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है।

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