Summer School Holiday: 7 जुलाई तक बंद रहेंगे सभी स्कूल, छुट्टी का नया आदेश जारी

Summer School Holiday: देश के मैदानी हिस्सों में जहां गर्मी की छुट्टियां खत्म होने लगी हैं, वहीं जम्मू-कश्मीर की कश्मीर घाटी में भीषण गर्मी ने स्कूलों को मजबूर कर दिया है कि वे बच्चों को और शिक्षकों को राहत देने के लिए छुट्टियां घोषित करें। कश्मीर में 7 जुलाई 2025 तक सभी सरकारी और निजी मान्यता प्राप्त स्कूलों को बंद रखने का आदेश जारी किया गया है।

7 जुलाई तक बंद रहेंगे सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल

7 जुलाई तक कश्मीर घाटी के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में तालाबंदी रहेगी, ताकि बच्चों और शिक्षकों को भीषण गर्मी से बचाया जा सके। शिक्षा निदेशालय के नए आदेश के मुताबिक, हायर सेकेंडरी तक के सभी शैक्षणिक संस्थान 1 जुलाई 7 जुलाई 2025 तक पूरी तरह बंद रहेंगे। इस फैसले का मकसद तेज़ गर्मी और हीट स्ट्रोक जैसे खतरे से छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

हीट वेव की चपेट में कश्मीर, मौसम का बदला मिजाज

कश्मीर घाटी, जिसे कभी अपनी ठंडी फिजाओं और खुशगवार मौसम के लिए जाना जाता था, अब हीट वेव की मार झेल रही है। इस साल श्रीनगर ने जून महीने में दो दशक का सबसे गर्म दिन दर्ज किया, जब अधिकतम तापमान 35.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। यह सामान्य तापमान से करीब 6.3 डिग्री ज्यादा था, जो जलवायु बदलाव का बड़ा संकेत माना जा रहा है।

बच्चों की सुरक्षा के लिए लिया गया अहम कदम

स्कूल शिक्षा निदेशालय ने साफ कहा कि बढ़ती गर्मी और बच्चों के स्वास्थ्य को देखते हुए ही यह फैसला लिया गया है। गर्म हवाओं और हीट स्ट्रोक की आशंका को देखते हुए छुट्टियों की अवधि तय की गई है, ताकि बच्चों और शिक्षकों को सुरक्षित रखा जा सके। विभाग ने अभिभावकों से भी अपील की है कि वे बच्चों को धूप और गर्मी से बचाने के जरूरी इंतजाम करें।

जलवायु बदलाव का साफ संकेत

विशेषज्ञ मान रहे हैं कि लगातार बढ़ता तापमान इस बात का स्पष्ट संकेत है कि जलवायु परिवर्तन का असर अब कश्मीर जैसे पहाड़ी और ठंडे इलाकों तक पहुंच चुका है। श्रीनगर में गर्म दिनों और रातों का रुझान बदलना भविष्य के लिए चेतावनी माना जा रहा है। अगर यही स्थिति जारी रही, तो आने वाले समय में यहां गर्मी के लिए विशेष नीतियां बनानी होंगी।

पहले की तुलना में अब गर्मी चुनौती

कभी कश्मीर की गर्मी को आरामदायक माना जाता था, लेकिन अब वहां के लोग भी तपिश का सामना कर रहे हैं। दिन में झुलसाने वाली धूप और रात में भी पसीना छुड़ा देने वाला तापमान घाटी में चिंता का विषय बनता जा रहा है। विशेषज्ञों की मानें तो यहां के स्कूलों को भविष्य में भी समर प्रोटोकॉल को अपनाना पड़ सकता है, ताकि हीट वेव से बच्चों का स्वास्थ्य सुरक्षित रहे।

छुट्टियों के दौरान शिक्षा विभाग की क्या है रणनीति

स्कूलों के बंद रहने के दौरान शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों को यह निर्देश दिया है कि छुट्टियों के बाद पढ़ाई में कोई बाधा न आए, इसकी योजना पहले से बना लें। ऑनलाइन संसाधनों के जरिए छात्रों को होमवर्क और प्रोजेक्ट्स भी उपलब्ध कराए जाएंगे ताकि वे घर पर भी पढ़ाई जारी रख सकें।

प्रशासन की अपील: बच्चों-बुजुर्गों का रखें खास ख्याल

प्रशासन ने अभिभावकों और आम लोगों से अपील की है कि वे मौसम के मौजूदा हालात को गंभीरता से लें। बच्चों को दोपहर की धूप में बाहर न निकलने दें और उन्हें खूब पानी पिलाएं। साथ ही, अत्यधिक गर्मी में बुजुर्गों और बीमार लोगों का विशेष ख्याल रखने की सलाह भी दी गई है।

पर्यावरण बदलाव का खतरा और सबक

जलवायु विशेषज्ञों का कहना है कि कश्मीर घाटी जैसे क्षेत्रों में तापमान में हो रही यह वृद्धि दुनिया को चेतावनी देती है कि पर्यावरण संरक्षण को अब और गंभीरता से लिया जाए। वरना आने वाले वर्षों में कश्मीर समेत तमाम पर्वतीय इलाके भी मैदानी इलाकों की तरह झुलसने को मजबूर हो जाएंगे।

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