सिर्फ 12 घंटे में पहुंच जायेंगे दिल्ली से मुंबई, अगले महीने बन जायेगा एक्सप्रेसवे Delhi Mumbai Expressway

Delhi Mumbai Expressway: अगर आप जयपुर, दिल्ली और मुंबई की यात्रा का लुफ्त उठाना लेना चाहते हैं, तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है। देश के सबसे बड़े दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का काम अब लगभग अंतिम चरण में पहुंच गया है। यह एक्सप्रेसवे बांदीकुई को जयपुर को सीधे कनेक्ट करेगा। भारतमाला प्रोजेक्ट के बनाया जा रहा 1350 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे फरवरी 2025 के अंत तक पूरा बनाए तैयार हो जायेगा।

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे एक ड्रीम प्रोजेक्ट

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के बनने से दिल्ली और मुंबई के बीच यात्रा का समय 12-13 घंटे तक सिमट जाएगा, जबकि अभी यह सफर करीब 24 घंटे का है। 1350 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे देश के 5 बड़े राज्यों- हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से होकर गुजरता है। अब तक 630 किलोमीटर का हिस्सा वाहनों के लिए खोल दिया गया है।

जयपुर से बांदीकुई की सीधी कनेक्टिविटी

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे जयपुर को भी बेहतर तरीके से दिल्ली और मुंबई से जोड़ने का काम करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 फरवरी 2023 को दौसा जिले के धनावड़ में इसका उद्घाटन किया था। इसके अलावा, जयपुर और बांदीकुई के बीच नेशनल हाईवे को इस एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा। बताया जा रहा है कि फोर-लेन हाईवे का काम तेजी से हो रहा है और फरवरी 2025 तक पूरा हो जाएगा।

डेडलाइन में हुई देरी

11 नवंबर 2022 को शुरू हुआ यह प्रोजेक्ट पहले 9 नवंबर 2024 तक पूरा होना था, लेकिन तकनीकी कारणों और अन्य बाधाओं के चलते इसमें 2-3 महीने की देरी हुई है। हालांकि अब इसे फरवरी 2025 के अंत तक तैयार करके वाहनों के आवागमन के लिए खोल दिया जाएगा।

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की खासियत

  • सबसे लंबा एक्सप्रेसवे: यह भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है, जिसकी कुल लंबाई 1350 किलोमीटर है।
  • तेज और सुरक्षित यात्रा: पूरे एक्सप्रेसवे पर 30 लेन के टोल प्लाजा बनाए गए हैं, जिससे वाहनों का इंतजार 10 सेकंड से भी कम हो जाएगा।
  • यात्रियों के लिए आधुनिक सुविधाएं: इसमें कार पार्किंग, ईंधन पंप, रेस्टोरेंट, सेवा क्षेत्र, शौचालय, और बच्चों के खेलने की जगह जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं।
  • वन्यजीव संरक्षण: यह भारत का पहला एक्सप्रेसवे होगा जिसमें 4.8 किलोमीटर लंबी वन्यजीव क्रॉसिंग बनाई गई है।
  • कनेक्टिविटी: यह एक्सप्रेसवे 93 पीएम गति शक्ति आर्थिक नोड्स, 13 बंदरगाहों, 8 प्रमुख हवाई अड्डों और 8 मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्कों को जोड़ेगा।

स्थानीय लोगों के लिए फायदेमंद

यह परियोजना सिर्फ सफर को आसान बनाने तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के ग्रामीण इलाकों को भी मुख्यधारा से जोड़ने का रास्ता खुलेगा। यह एक्सप्रेसवे इन क्षेत्रों के आर्थिक और सामाजिक विकास में भी अहम भूमिका निभाएगा।

रॉन्ग साइड ड्राइविंग पर सख्ती

एक्सप्रेसवे पर रॉन्ग साइड ड्राइविंग रोकने के लिए कड़ी सख्ती बरती जाएगी। पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि नियम तोड़ने वालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करके चालान किया जाए। आम लोगों से भी अपील की गई है कि वे ट्रैफिक नियमों का पालन करें।

इंफ्रास्ट्रक्चर और ट्रांसपोर्ट में सुधार

यह एक्सप्रेसवे न केवल समय की बचत करेगा, बल्कि देश की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत करने का काम करेगा। यह प्रोजेक्ट आने वाले दशकों में भारत की यातायात प्रणाली (Transportation System) को नई ऊंचाई पर ले जाएगा। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे न केवल तेज और सुरक्षित सफर का जरिया बनेगा, बल्कि स्थानीय विकास और रोजगार के नए मौके भी लेकर आएगा।

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